हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा है और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जानेवाली भाषा है। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रीयता और सम्मान का प्रतीक है। हिंदी और बिंदी तो हमारी पहचान है ।
अटल बिहारी वाजपयी वे पहले भारतीय थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ (1977) में हिंदी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था। (अटल बिहारी वाजपयी 1977 में विदेश मंत्री थे)ये वो एक यादगार लम्हा था जो इतिहास में हमेशा याद रखा जायेगा |
हम अपनी “हिंदी” भाषा को उचित स्थान नहीं देते हैं अपितु अंग्रेजी जैसी भाषा का प्रयोग करने में गर्व महसूस करते हैं ।कोरिया का उदहारण ले तो वह बिना इंग्लिश को अपनाए हुए ही विकसित हुए हैं और हम समझते हैं की इंग्लिश के बिना आगे नहीं बढा जा सकता।
हिन्दी प्रेमियों, चीन, रूस, फ्रांस, इसराइल, जर्मनी, कोरीया जापान और इन जैसे कई अन्य देशों को देखें जिन्होने अपनी मातृभाषा के दम पर विकास किया है| इन देशों के लोग अँग्रेज़ी बोलने मे शर्म करते हैं और अपनी मातृभाषा को ज़्यादा महत्व देते हैं|
*हिन्दी के प्रभाव और क्षमता को अब विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियां भी सलाम कर रही है। विश्व में मोबाइल की सबसे बड़ी कंपनी नोकिया ने हाल ही लन्दन में अपने तीन नए मॉडल बाजार में उतारे। आपको ये जानकर खुशी होगी कि इन तीनो मॉडल्स को कंपनी ने हिन्दी का नाम दिया है।
*जुरासिक पार्क जैसी अति प्रसिध्द हॉलीवुड फ़िल्म को भी अधिक मुनाफ़े के लिए हिंदी में डब किया जाना जरूरी हो गया । इसके हिंदी संस्करण ने भारत में इतने पैसे कमाए जितने अंग्रेजी संस्करण ने पूरे विश्व में नहीं कमाए थे ।
*अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 114 मिलियन डॉलर की एक विशेष राशि अमरीका में हिंदी, चीनी और अरबी भाषाएं सीखाने के लिए स्वीकृत की है । इससे स्पष्ट होता है कि हिंदी के महत्व को विश्व में कितनी गंभीरता से अनुभव किया जा रहा है ।
*हॉलीवुड ने पहचानी हिन्दी की ताकत – बहुचर्चित मशहूर ओर कामयाबी का नया इतिहास रचने वाली चलचित्र ( फ़िल्म) को दिया वैश्विक हिन्दी नाम 'अवतार' । अवतार शब्द का अर्थ यह है कि पृथ्वी में आना।हॉलीवुड की मशहूर फ़िल्म "अवतार" दुनिया की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली चलचित्र बन गई है ।
हिन्दी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब ट्विटर हिन्दी में भी अपनी सेवा शुरू करने जा रही है ।ट्विटर बहुत ही तेजी से इंटरनेट पर लोकप्रिय हो रही माइक्रोब्लॉगिंग नेटवर्किंग सेवा है। सामाजिक मेलजोल की लोकप्रिय साइट ‘ट्विटर’ के भारतीय प्रशंसकों के लिए एक खुशखबरी।
क्या हमें अँग्रेजी की गुलामी छोडकर हिन्दी को महत्व नहीं देना चाहिए ?"भारत की सिर्फ़ सात प्रतिशत जनसंख्या अँग्रेजी बोलती है हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा"जागो भारतीय जागो !! जय हिन्द, जय भारत !
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