Tuesday, April 10, 2012

to Youth

भारत देश के युवा दलीय आधार तर विभाजित हो कर अपने अस्तित्व को खाने मत दे, क्या हम किसी दल या पार्टी के गुलाम है जो उसके नारे लगायेँगे और पत्थरबाजी करेँगे? हमेँ छोङना होगा ये सब, एकजुट होना होगा हमेँ, इस देश के सारे राजनितिक पार्टी भ्रष्ट है. जिनका मकसद होता है सिर्फ हमेँ लूटना, हमारा उपयोग करके कुर्सी पाना ये राजनेता किसी के नहीँ है, कुर्सी के लिए अपनी माँ को भी बेच देगे, फिर आप कैसै भरोषा करते है इनपर. हम इस देश के सबसे बडी शक्ती हैँ, अगर हम संगठित होकर एकबार सिर्फ एकबार सडक पर उतर जायेँगे तो देश की दशा और दिशा दोनो बदल सकते है, आजादी की लडाई मेँ भी देश के युवाऔँ ने बढ-चढ कर हिस्सा लिया था, जयप्राकाश आन्दोलन को भी युवाऔँ ने ही गति दिया था,फिर हम क्यूँ भूल जाए अपनी शक्तियाँ? हम फिर सडक पर उतरेँगे लेकिन किसी नेता या पार्टी के लिए नहीँ बल्की भारत माँ के लिए, हाथोँ मे किसी दल का झंडा नही बल्की तिरागा होगा. हमे एक आजादी की जंग लडनी होगी और यही जंग भारत को सियासत के दलालो से आजाद करने के लिए होगी.

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